Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi :- कुमार विश्वास का जन्म 10-02-1970 को भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के पिलखुवा, हापुड़ में हुआ था, जिनका नाम विश्वास कुमार शर्मा था। वह एक भारतीय कवि, प्रेरक, लेखक, लेखक, व्याख्याता, प्रोफेसर और राजनीतिज्ञ AAP (आम आदमी पार्टी) के हैं।
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi कुमार विश्वास एक प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ, हिंदी भाषा के प्रदर्शन के कवि और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा के लिए पिलखुवा के लाला गंगा सहाय स्कूल में पढ़ाई की। बाद में उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट शिक्षा के लिए पिलखुवा के राजपुताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज में दाखिला लिया। उन्होंने हिंदी साहित्य में मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) की डिग्री पूरी की। उन्होंने अपनी डॉक्टरेट की डिग्री भी पूरी कर ली है। उन्होंने एक राजस्थान कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया और 1994-2000 तक वहां काम किया। वह वहां से निकल गए और लाला लाजपत राय कॉलेज, गाजियाबाद में हिंदी साहित्य शिक्षक के रूप में जुड़ गए।
राजनीति में उनकी रुचि तब शुरू हुई जब वे गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में शामिल हो गए। इसके बाद वे आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने। वह 2014 में अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर, दुबई और जापान सहित भारत और बाहर भारत में कई कविता पाठ और कार्यों में भाग लिया है। उनकी कविताएँ ज्यादातर श्रृंगार रस यानी रोमांटिक वाले पर हैं। उन्हें विवाद में पाया गया जब एक स्टिंग ऑपरेशन में AAP के कुछ सदस्यों ने दावा किया कि उनके साथ अवैध रूप से नकद चंदा जुटाया गया था। केरल, हिंदू देवताओं, और इमाम हुसैन की नर्सों के बारे में उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणी दिखाने वाली एक वीडियो क्लिप के कारण भी वह सुर्खियों में था। शुरुआत में, उन्होंने दावा किया कि वे सच नहीं हैं, लेकिन बाद में माफी मांगते हुए कहा कि इरादे किसी को चोट पहुंचाने के लिए नहीं थे।
एक अभियान स्वयंसेवक ने उन पर "यौन रूप से रंगीन" टिप्पणी और छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया, लेकिन उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। बॉलीवुड के महान अभिनेता अमिताभ बच्चन ने उन पर 2017 में YouTube वीडियो के लिए कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने मुआवजे का भुगतान किया और वीडियो को YouTube से हटा दिया। वे ज़ी टीवी के टैलेंट हंट शो सा रे गा मा पा ली'ल चैंप्स के साथ-साथ लोकप्रिय सिंगिंग रियलिटी शो 'इंडियन आइडल' पर सोनी टीवी पर प्रसारित हुए थे।
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
मेरा जो भी तर्जुबा है, तुम्हे बतला रहा हूँ मैं
कोई लब छु गया था तब, की अब तक गा रहा हूँ मैं
बिछुड़ के तुम से अब कैसे, जिया जाये बिना तडपे
जो मैं खुद ही नहीं समझा, वही समझा रहा हु मैं
भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा
कोई खामोश है इतना, बहाने भूल आया हूँ
किसी की इक तरनुम में, तराने भूल आया हूँ
मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो
मैं इक चिड़िया की आँखों में, उड़ाने भूल आया हूँ
ना पाने की खुशी है कुछ, ना खोने का ही कुछ गम है
ये दौलत और शोहरत सिर्फ, कुछ ज़ख्मों का मरहम है
अजब सी कशमकश है,रोज़ जीने, रोज़ मरने में
मुक्कमल ज़िन्दगी तो है, मगर पूरी से कुछ कम है
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
पनाहों में जो आया हो, उस पर वार क्या करना
जो दिल हारा हुआ हो, उस पे फिर से अधिकार क्या करना
मोहब्बत का मज़ा तो, डूबने की कशमकश में है
जो हो मालूम गहरायी, तो दरिया पार क्या करना
वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है
वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है
किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से
यहाँ ख़त भी थोड़ी देर में अखबार होता है
मेरे जीने मरने में, तुम्हारा नाम आएगा
मैं सांस रोक लू फिर भी, यही इलज़ाम आएगा
हर एक धड़कन में जब तुम हो, तो फिर अपराध क्या मेरा
अगर राधा पुकारेंगी, तो घनश्याम आएगा
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
मैं उसका हूँ वो इस एहसास से इनकार करती है
भरी महफ़िल में भी, रुसवा हर बार करती है
यकीं है सारी दुनिया को, खफा है हमसे वो लेकिन
मुझे मालूम है फिर भी मुझी से प्यार करता है
हमारे शेर सुनकर भी जो खामोश इतना है
खुदा जाने गुरुर ए हुस्न में मदहोश कितना है
किसी प्याले से पूछा है सुराही ने सबब मय का
जो खुद बेहोश हो वो क्या बताये होश कितना है
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
कोई पत्थर की मूरत है, किसी पत्थर में मूरत है
लो हमने देख ली दुनिया, जो इतनी खुबसूरत है
जमाना अपनी समझे पर, मुझे अपनी खबर यह है
तुझे मेरी जरुरत है, मुझे तेरी जरुरत है
एक पहाडे सा मेरी उँगलियों पे ठहरा है
तेरी चुप्पी का सबब क्या है? इसे हल कर दे
ये फ़क़त लफ्ज़ हैं तो रोक दे रस्ता इन का
और अगर सच है तो फिर बात मुकम्मल कर दे
कोई कब तक महज सोचे,कोई कब तक महज गाए
ईलाही क्या ये मुमकिन है कि कुछ ऐसा भी हो जाऐ
मेरा मेहताब उसकी रात के आगोश मे पिघले
मैँ उसकी नीँद मेँ जागूँ वो मुझमे घुल के सो जाऐ
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, समझता हूँ
तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, समझता हूँ
तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नहीं लेकिन
तुम्हीं को भूलना सबसे जरूरी है, समझता हूँ
तुझ को गुरुर ए हुस्न है मुझ को सुरूर ए फ़न
दोनों को खुदपसंदगी की लत बुरी भी है
तुझ में छुपा के खुद को मैं रख दूँ मग़र मुझे
कुछ रख के भूल जाने की आदत बुरी भी है
तुम्हारा ख़्वाब जैसे ग़म को अपनाने से डरता है
हमारी आखँ का आँसूं , ख़ुशी पाने से डरता है
अज़ब है लज़्ज़ते ग़म भी, जो मेरा दिल अभी कल तक़
तेरे जाने से डरता था वो अब आने से डरता है
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
हर इक खोने में हर इक पाने में तेरी याद आती है
नमक आँखों में घुल जाने में तेरी याद आती है
तेरी अमृत भरी लहरों को क्या मालूम गंगा माँ
समंदर पार वीराने में तेरी याद आती है
हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते
मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते
जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो
जो लहरों में तो डूबे हैं, मगर संग बह नहीं सकते
ना पाने की खुशी है कुछ,ना खोने का ही कुछ गम है…
ये दौलत और शौहरत सिर्फ कुछ जख्मों का मरहम है…
अजब सी कशमकश है रोज जीने ,रोज मरने में…
मुक्कमल जिंदगी तो है,मगर पूरी से कुछ कम है…”
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
गिरेबान चेक करना क्या है सीना और मुश्किल है,
हर एक पल मुस्कुराकर अश्क पीना और मुश्किल है,
हमारी बदनसीबी ने हमें बस इतना सिखाया है,
किसी के इश्क़ में मरने से जीना और मुश्किल है.
तुम्ही पे मरता है ये दिल अदावत क्यों नहीं करता
कई जन्मो से बंदी है बगावत क्यों नहीं करता..
कभी तुमसे थी जो वो ही शिकायत हे ज़माने से
मेरी तारीफ़ करता है मोहब्बत क्यों नहीं करता..
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
मिले हर जख्म को मुस्कान को सीना नहीं आया
अमरता चाहते थे पर ज़हर पीना नहीं आया
तुम्हारी और मेरी दस्ता में फर्क इतना है
मुझे मरना नहीं आया तुम्हे जीना नहीं आया
मेरा अपना तजुर्बा है तुम्हे बतला रहा हूँ मैं
कोई लब छू गया था तब के अब तक गा रहा हु मैं
बिछुड़ के तुम से अब कैसे जिया जाए बिना तड़पे
जो में खुद हे नहीं समझा वही समझा रहा हु मैं..
नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है
मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है
कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों
सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
मै तेरा ख्वाब जी लून पर लाचारी है
मेरा गुरूर मेरी ख्वाहिसों पे भरी है
सुबह के सुर्ख उजालों से तेरी मांग से
मेरे सामने तो ये श्याह रात सारी है
सब अपने दिल के राजा है, सबकी कोई रानी है
भले प्रकाशित हो न हो पर सबकी कोई कहानी है
बहुत सरल है किसने कितना दर्द सहा
जिसकी जितनी आँख हँसे है, उतनी पीर पुराणी है
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
ना पाने की खुशी है कुछ,ना खोने का ही कुछ गम है…
ये दौलत और शौहरत सिर्फ कुछ जख्मों का मरहम है…
अजब सी कशमकश है रोज जीने ,रोज मरने में…
मुक्कमल जिंदगी तो है,मगर पूरी से कुछ कम है…”
गिरेबान चेक करना क्या है सीना और मुश्किल है,
हर एक पल मुस्कुराकर अश्क पीना और मुश्किल है,
हमारी बदनसीबी ने हमें बस इतना सिखाया है,
किसी के इश्क़ में मरने से जीना और मुश्किल है.
तुम्ही पे मरता है ये दिल अदावत क्यों नहीं करता
कई जन्मो से बंदी है बगावत क्यों नहीं करता..
कभी तुमसे थी जो वो ही शिकायत हे ज़माने से
मेरी तारीफ़ करता है मोहब्बत क्यों नहीं करता..
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
मिले हर जख्म को मुस्कान को सीना नहीं आया
अमरता चाहते थे पर ज़हर पीना नहीं आया
तुम्हारी और मेरी दस्ता में फर्क इतना है
मुझे मरना नहीं आया तुम्हे जीना नहीं आया
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है
,मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
.मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है,
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है.
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
पनाहों में जो आया हो, उस पर वार क्या करना
जो दिल हारा हुआ हो,
उस पे फिर से अधिकार क्या करना
मोहब्बत का मज़ा तो,
डूबने की कशमकश में है.
जो हो मालूम गहरायी, तो दरिया पार क्या करना.
Panahon Main Jo Aaya Ho,
Us Par War Kya Karna
Jo Dil Hara Hua Ho,
Us Par Adhikar Kya Karna
Mohabbt Ka Maza To Dubne Ki
Kashmkash Main Hain
Jo Ho Malum Gahraayi,
To Dariya Paar Kya Karna.
मेरे जीने मरने में,
तुम्हारा नाम आएगा.
मैं सांस रोक लू फिर भी,
यही इलज़ाम आएगा.
हर एक धड़कन में जब तुम हो,
तो फिर अपराध क्या मेरा,
अगर राधा पुकारेंगी,
तो घनश्याम आएगा.
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
Mere jeene marne main,
Tumhara naam aayega.
Main saans rok lu phir bhi,
Yahi ilzaam aayegaa.
Har ek dhdkan main jab tum ho,
To phir apradh kya mera.
Agar Radha pukarengi,
To Ghanshyam aayega.
कहीं पर जग लिए तुम बिन,
कहीं पर सो लिए तुम बिन.
भरी महफिल में भी अक्सर,
अकेले हो लिए तुम बिन
ये पिछले चंद वर्षों की कमाई साथ है अपने
कभी तो हंस लिए तुम बिन, कभी तो रो लिए तुम बिन.
Kahi par jag liye tum bin,
kahi par so liye tum bin
Bhari mahfil main bhi aksar,
Akele ho liye tum bin
Ye pichle chand varshon ki,
kamai saath hain apne
Kabhi to hans liye tum bin,
Kabhi to ro liye tum bin.
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
गिरेबां चाक करना क्या है,
सीना और मुश्किल है.
हर एक पल मुस्कुरा के,
अश्क पीना और मुश्किल है.
हमारी बदनसीबी ने,
हमें इतना सीखाया है.
किसी के इश्क में मरने से,
जीना और मुश्किल है.
Girebaan chaak karna kya hain,
Seena aur mushkil hain
Har ek pal muskura ke,
Ashq peena aur mushkil hain
Humari badnaseebee ne,
Hume itna shikhaya hain
Kisi ke ishq main marne se,
Jeena aur mushkil hain.
यह चादर सुख की मोल क्यू,
सदा छोटी बनाता है.
सीरा कोई भी थामो,
दूसरा खुद छुट जाता है.
तुम्हारे साथ था तो मैं,
जमाने भर में रुसवा था.
मगर अब तुम नहीं हो तो,
ज़माना साथ गाता है.
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
Yah chadar sukh ki mola kyu,
Sada choti banata hain.
Seera koi bhi thamo,
Dusra khud chut jaata hain.
Tumhare saath tha to main,
zamaane bhar main ruswa tha.
Magar ab tum nahi ho to,
Zamana sath gata hain.
कोई कब तक महज सोचे,
कोई कब तक महज गाए.
ईलाही क्या ये मुमकिन है कि
कुछ ऐसा भी हो जाऐ.
मेरा मेहताब उसकी रात के
आगोश मे पिघले
मैँ उसकी नीँद मेँ जागूँ
वो मुझमे घुल के सो जाऐ.
Koi kab tak mahaz soche,
Koi kab tak mahaz gaaye.
Llaahi kya ye mumkin hai ki,
Kuchh aesa bhi ho jaaye.
Mera mehtaab uski raat ke,
Aagosh mein pighale.
Main uski neend mein jaagun,
Wo mujhme ghul ke so jaaye
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
तुझ को गुरुर ए हुस्न है
मुझ को सुरूर ए फ़न.
दोनों को खुद पसंदगी की
लत बुरी भी है.
तुझ में छुपा के खुद को
मैं रख दूँ मग़र मुझे.
कुछ रख के भूल जाने की
आदत बुरी भी है.
हर इक खोने में हर इक पाने में
तेरी याद आती है
नमक आँखों में घुल जाने में तेरी याद आती है.
तेरी अमृत भरी लहरों को क्या मालूम गंगा माँ
समंदर पार वीराने में तेरी याद आती है.
घर से निकला हूँ तो निकला है घर भी साथ मेरे
देखना ये है कि मंज़िल पे कौन पहुँचेगा ?
मेरी कश्ती में भँवर बाँध के दुनिया ख़ुश है
दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुँचेगा.
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
सखियों संग रंगने की धमकी सुनकर
क्या डर जाऊँगा?
तेरी गली में क्या होगा ये मालूम है पर आऊँगा,
भींग रही है काया सारी खजुराहो की मूरत सी,
इस दर्शन का और प्रदर्शन मत करना, मर जाऊँगा.
उम्मीदों का फटा पैरहन,
रोज़-रोज़ सिलना पड़ता है,
तुम से मिलने की कोशिश में,
किस-किस से मिलना पड़ता है.
घर से निकला हूँ तो निकला है घर भी साथ मेरे,
देखना ये है कि मंज़िल पे कौन पहुँचेगा ?
मेरी कश्ती में भँवर बाँध के दुनिया ख़ुश है,
दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुँचेगा .
हिम्मत ए रौशनी बढ़ जाती है,
हम चिरागों की इन हवाओं से,
कोई तो जा के बता दे उस को,
चैन बढता है बद्दुआओं से.
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
अजब है कायदा दुनिया ए इश्क का मौला
फूल मुरझाये तब उस पर निखार आता है
अजीब बात है तबियत ख़राब है जब से
मुझ को तुम पे कुछ ज्यादा प्यार आता है.
तुम्हारा ख़्वाब जैसे ग़म को अपनाने से डरता है
हमारी आखँ का आँसूं , ख़ुशी पाने से डरता है
अज़ब है लज़्ज़ते ग़म भी, जो मेरा दिल अभी कल तक़
तेरे जाने से डरता था वो अब आने से डरता है.
बस्ती – बस्ती घोर उदासी,
पर्वत – पर्वत सुनापन.
मन हीरा बेमोल लुट गया,
घिस -घिस रीता मन चंदन.
इस धरती से उस अम्बर तक,
दो ही चीज़ गजब की है.
एक तो तेरा भोलापन है,
एक मेरा दीवानापन.
समंदर पीर का अन्दर है,
लेकिन रो नहीं सकता
यह आंसू प्यार का मोती है,
इसको खो नहीं सकता.
मेरी चाहत को दुल्हन तू,
बना लेना मगर सुन ले.
जो मेरा हो नहीं पाया,
वो तेरा हो नहीं सकता.
Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Shayari in Hindi
स्वयं से दूर हो तुम भी, स्वयं से दूर है हम भी
बहुत मशहुर हो तुम भी, बहुत मशहुर है हम भी
बड़े मगरूर हो तुम भी, बड़े मगरूर है हम भी
अत : मजबुर हो तुम भी, अत : मजबुर है हम भी
कुमार विश्वास हिंदी शायरी
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